HOW LIFE FOR A CIRCUS TIGER COMPARES TO THE LIFE OF A WILD TIGER
" दोस्तों जिंदगी में कुछ पाना है तो कुछ तो दाँव पे लगा ना पड़ेगा
जिंदगी कभी कुछ नहीं देती है | वो हमेशा लौटती है| जो आप जिंदगी को देते हो "
इस दूनिया में दो तरह के शेर हैं। ए होता है सर्कस में और एक होता है जंगल में। दोनों ही शेर होते हैं। ज्यादा कंफर्टेबल कौन होता है। जंगल वाला या सर्कस वाला। सर्कस वाला शेर ज्यादा कंफर्टेबल है। क्योंकि सर्कस के शेर को खाने के लिए कहीं जाना नहीं पड़ता है। खाने के लिए उससे यहाँ वहां भटकना नहीं पड़ता है । उसे कहीं शिकार के लिए नहीं जाना पड़ता है ? तीन समय खाना मिलेगा आराम से बस खाना है । किसी से कोई खतरा भी नहीं है। ना ही उसको कोई प्राकृतिक आपदा उसे प्रभावित करेगी। एक मस्त माहौल में रहना, ना कहीं जाने की टेंशन। ना कहीं आने की टेंशन। और दूसरी तरफ जो जंगल का शेर है उसको कभी खाना मिलेगा और कभी नहीं मिलेगा। तकलीफ में रहेगा। बरसात आएगी तो सिर छुपाने के लिए जगह ढूंढेगा। कभी जगह नहीं मिलेगी। कभी पानी नहीं मिलेगी। तकलीफ में ही रहेगा। एक समय भी खाना मिलेगा इसकी भी कोई गारंटी नहीं है। वैसे है दोनों शेर ही।
वैसे ही भारत में 90% लोग सर्कस के ही शेर है। सर्कस के शेर की समस्या पता क्या है। कि जो चाबुक मारने वाला है । उसके हिसाब से उसे नाचना पड़ेगा। चाबुक वाला बोलेगा बैठ तो बैठना पड़ेगा, बोलेगा चल उठ खड़ा हो तो उठना पड़ेगा।फिर चाबुक वाला बोलेगा अब तुझे इस आग से कूदना पड़ेगा। और कभी कभी जब शेर पिंजरे में बैठा होता है। तब उसकी पूूछ बाहर लटक रही होती है। बच्चे भी इधर-उधर हिला रहे होते हैं। खेल रहे होते हैं शेर कुछ भी नहीं बिगाड़ पाता, बस मजबूर, बेबस और लाचार की तरह बैठा रहता है ।
ऐसे ही ९०% लोग सर्कस का शेर की तरह है । अब ये आप पर निर्भर करता है| आप जंगल का शेर बनना पसंद करेंगे या सर्कस। अगर सर्कस का शेर बनना है। तो इसमें सोचने की जरुरत नहीं, क्यूंकि हमसे बहुत लोग ऐसे ही जीवन व्यतीत कर रहे है । अगर आपको जंगल का शेर बनना है तो कुछ अलग करना पड़ेगा अपने सोच को बदलना पड़ेगा, अपने कम्फर्ट जोन से बहार निकलकर सोचना पड़ेगा, उसके लिए आपको मेंहनत करने पड़ेगी तब जाके आप कही सफल हो पाएंगे |
"कहते है ना "दुनिया में आये हो तो पढ़ने लायक कुछ लिख जाओ या लिखने लायक कुछ छोड़ जाओ "
"आज अगर हमारी मेंहनत हमारी कमाई से ज्यादा है , तो बहुत जल्द हमारी कमाई हमारी मेंहनत से ज्यादा होगी"
"जब तक सीख्शा का मकसद नौकरी पाना होगा तब तक समाज में नौकर ही पैदा होंगे मालिक नहीं"
पिंजरा सोने का हो या लोहे का पिंजरा - पिंजरा ही होता है| और आदमी उसमे क़ैद हो जाता है | जंगल के शेर को तकलीफ बहुत होती | कभी खाना मिलता है कभी नहीं मिलता| हर चीज़ पाने के लिए मेंहनत करनी पड़ती है | मगर अपनी मर्ज़ी से जीता है | जंगल का राजा बांके राज़ करता है | और राज़ करना किसे नहीं अच्छा लगता है | पर हमारी दिकत ये है हमे राज़ तो करना है पर मेंहनत करने हम बहुत बार पीछे हट जाते है या फिर हार मान लेते है |ऐसे हम कभी राज़ नहीं पाएंगे कुछ करने के लिए , कुछ पाने के लिए हमे अपने कम्फर्ट जोन से बहार निकलना ही पड़ेगा , अपने आप में जूनून पैदा करना होगा | ये तभी मुमकिन जब आप अपने पैशन को जान ले | सोचिये इस्पे विचार कीजिये जैसे इंसान को जीने के लिए सांसें लेना जरुरी है और न ले तो वो मर जायेगा | वैसे ही पैशन है |
अगर जिंदगी सच में अनोखा करना चाहते है | अपने पैशन को पहचानिये अपने दोस्तों से,परिवार से , जहाँ काम करते हो वहां अपने सहकर्मियों से पुछुए आप में ऐसा चीज़ है जो यूनिक है | अगर ऐसा सोचते है की आप में कोई बात नहीं है | कोई पैशन नहीं है | तो आप गलत है | इस दुनिया अगर इंसान बांके जन्मे हो तो ऐसे ही नहीं जन्मे | हर इंसान अपने आप में अनोखा है | बस अपने आपको कभी किसी से काम मत समझिये |कहते है न अगर एक चाय वाला देश का प्रधानमंत्री बन सकता है | और देश बहुत बेहतरीन तरीके चलने की ताक़त रखता है | तो आप भी कर सकते हो |
"जब तक आप अपनी खुद की मदत नहीं करोगे | दुनिया का कोई इंसान आपकी मदत नहीं कर सकता "
आप अपने जीवन में वो सब कुछ कर सकते जो आप एक सक्सेसफुल इंसान को करते हुए देखते हो | यह तब संभव जा आप अपने कम्फर्ट जोन से बार आएंगे |
"पहाड़ की ऊंचाई आगे बढ़ने से नहीं रोकती बल्कि आपके जूते में पड़े कंकड़ आपको आगे बढ़ने से रोकते है "